परिचय: IT से लेकर इको-प्रेरणा तक
Amita Deshpande reCharkha की कहानी उन लोगों के लिए मिसाल है जो खुद के दम पर, एक लाख रुपये से, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सशक्तिकरण का Multi-Crore Brand बना सकते हैं। भारत की पुणे में जन्मी, Amita ने अमेरिका में करियर छोड़कर ये साबित किया कि passion + persistence = impact।
1. सफर की शुरुआत: नौकरी से जुड़ाव
- 2005–2009: KPIT में IT Engineer के रूप में कार्य
- CSR पहल के दौरान उन्होंने समाज और पर्यावरण में बदलाव की भूख महसूस की ।
2. अमेरिका छोड़कर लौटे भारत
- 2013: अमेरिका की नौकरी त्यागकर भारत आकर फोकस किया social entrepreneurship पर
- Master’s पूरा करके वे भारत वापस लौटीं, जहाँ environmental zeal उनका मार्गदर्शन बन गया।
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3. एक लाख से लांच हुआ brand ‘reCharkha’
- 2015: पति Abhishek Paranjape के साथ ’The EcoSocial Tribe Pvt Ltd.’ की स्थापना
- ₹1 lakh investment से शुरू हुआ reCharkha brand
- प्लास्टिक waste को री-यूज़ करके bags, wallets, planters जैसे products बनाती कंपनी।

4. उत्पाद और processes – eco-social synergy
- Products range: beach bags, pouches, lunch bags, gym duffels, wallet, planters
- प्रत्येक आइटम में 15–100 प्लास्टिक pieces उपयोग होते हैं।
- 90% raw material घरों और सोसायटियों से आता है – no new plastic manufacturing
5. विनिर्माण आधार – गाँव, कौशल, रोजगार
- 2 फैक्ट्री: Silvassa के करीब (Dadra-Haveli) और Pune से 60km दूर Bhor Taluka
- कुल ~2,000 sq.ft area में 61 व्यक्ति (55 ग्रामीण कारीगर) कार्यरत
- शुरुआत में सिर्फ तीन लोग – अब सामूहिक श्रम है।
6. बिक्री, टर्नओवर और स्टोर
- Products ₹550–₹3,800 के बीच priced, कारीगरी और समय दर्शाते हैं।
- टर्नओवर: ₹2 करोड़+ annual
- दो विज्ञापित स्टोर Pune और Mumbai में मौजूद।
7. पारितोषिक – पर्यावरण और महिलाओं का उत्थान
- Plastic waste कचरे का पुनर्चक्रण → पर्यावरण संरक्षण
- ग्रामीण महिलाओं को रोजगार → आर्थिक सशक्तिकरण
- हस्त-कौशल और हथकरघा विरासत को जिंदा रखना
8. संघर्ष और प्रेरणा – जीवन यात्रा
- लोनावाला पास एक गाँव में बचपन, पिता जैसे मत्स्य तकनीशियन द्वारा प्रेरित
- स्कूली जीवन में 8वीं की state-level पर्यावरण प्रतियोगिता से मिली जागरूकता
- कॉलेज (2001–2005): IT की पढ़ाई – पुणे Fergusson College + Cummins College
9. मौखिक इंटरव्यू और मीडिया प्रतिक्रिया
- TEDxCCOEW में Amita ने साझा किया कि उन्होंने कैसे पारंपरिक Charkha और handloom तकनीकों को modern waste से जोड़कर एक eco-brand बनाया
- Instagram, LinkedIn पोस्ट और YouTube interviews में reCharkha की सफलता और ग्रामीण impact पर ज़ोर
10. Key Learnings (Rich Snippet)
- Small capital, big impact: ₹1L investment से कैसे Multi-crore ग्रोथ
- Innovation from waste: plastic को eco products में बदला
- Women-first enterprise: ग्रामीण महिलाओं को प्रोफ़ेशनल जीवन देना
- Sustainability at core: 90% recycled material + zero-waste
- Scaling with heart: सिर्फ लाभ नहीं – community upliftment
FAQs about Amita Deshpande reCharkha
प्रश्न | उत्तर |
---|---|
क्या reCharkha eco-friendly है? | हाँ, 90% recycled plastic इस्तेमाल होता है। |
Shuru में कितने लोगों ने काम किया था? | तीन कारीगरों के साथ शुरुआत हुई। |
₹1 लाख से कैसे इतनी वृद्धि? | छोटे प्रोडक्ट लाइन्स, सोशल मिशन से ग्राहक जुड़ाव बढ़ा। |
Strore कहां-कहां हैं? | Pune और Mumbai में ऑफलाइन स्टोर्स हैं। |
** fabriation कहां होती है?** | Silvassa (Dadra-Haveli) और Bhor Taluka, Pune। |
11. Why follow her path?
- Entrepreneurship with empathy: Profit + Conscious impact
- From IT job to eco social leader
- दिल से काम—environment, artisan, women care
- ₹1 लाख → ₹2 करोड़ business: proof जो सब कुछ भाषाएँ समझता है!
निष्कर्ष
Amita Deshpande reCharkha कहानी साबित करती है कि अगर शायद आपके पास संसाधन कम हों, लेकिन जिम्मेदारी, दृष्टि और संघर्ष हो तो आप कुछ भी बना सकते हैं—भव्य brand, समाज परिवर्तन और पर्यावरण रक्षा।
“Amita Deshpande reCharkha” बार-बार पढ़ने से यह याद रहेगा कि कार्य सिर्फ व्यापार नहीं—impact भी हो सकता है।
क्या आप भी eco-entrepreneur बनना चाहते हैं? नीचे कमेंट में बताएं—हम बातचीत शुरू करते हैं!