प्रसिद्ध अभिनेता Vikrant Massey ने हाल ही में अभिनय से अनिश्चितकालीन ब्रेक लेने की घोषणा की है, जिससे उनके प्रशंसक चौंक गए हैं। इंस्टाग्राम पर साझा की गई एक भावुक पोस्ट में उन्होंने अपनी ज़िंदगी को पुनः संतुलित करने और अपने परिवार के साथ समय बिताने की बात कही। उन्होंने लिखा, “पिछले कुछ साल अद्भुत रहे… लेकिन आगे बढ़ते हुए मुझे महसूस हो रहा है कि मुझे अपने घर लौटने की जरूरत है। एक पति, पिता और बेटे के रूप में। और एक अभिनेता के रूप में भी। 2025 में हम आखिरी बार मिलेंगे, जब तक समय सही नहीं होता।”
भारतीय फिल्म व्यक्तित्व पुरस्कार से सम्मानित
गोवा में आयोजित 55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में Vikrant Massey को भारतीय फिल्म व्यक्तित्व पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने स्वीकृति भाषण में 12th Fail (2023) के अपने किरदार मनोज कुमार शर्मा का उल्लेख करते हुए “रीस्टार्ट” के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमें हमेशा फिर से शुरू करने के लिए तैयार रहना चाहिए।” अब, उनके इस बयान को उनके करियर में इस नए कदम का प्रतीक माना जा रहा है।
करियर का शिखर: 12th Fail से द साबरमती रिपोर्ट तक
Vikrant Massey का ब्रेक ऐसे समय पर आया है जब उनका करियर चरम पर है। 2023 और 2024 में, उन्होंने 12th Fail, फिर आई हसीन दिलरुबा, सेक्टर 36 और द साबरमती रिपोर्ट जैसी सफल फिल्में दीं। खासतौर पर, द साबरमती रिपोर्ट को राजनीतिक और जनसमर्थन दोनों मिला। फिल्म को कई राज्यों में कर-मुक्त घोषित किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फिल्म की सराहना की।
द साबरमती रिपोर्ट: विवादों और सराहनाओं का संगम
द साबरमती रिपोर्ट ने जहां विक्रांत मैसी के अभिनय को नई ऊंचाई दी, वहीं इस फिल्म को लेकर कुछ विवाद भी हुए। कुछ प्रशंसकों ने इस फिल्म में उनके काम को उनके वैचारिक झुकाव में बदलाव के रूप में देखा। हालांकि, विक्रांत ने 2024 में एक पुराने ट्वीट के लिए माफी मांगकर यह स्पष्ट किया कि उनका किसी धर्म या समुदाय को आहत करने का इरादा कभी नहीं था।
जमीन से जुड़े अभिनेता का निजी जीवन
Vikrant Massey का निजी जीवन उनके प्रशंसकों के लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र रहा है। एक बहु-धर्मी परिवार में जन्मे विक्रांत की मां सिख हैं, पिता ईसाई, और भाई मुस्लिम। उनकी पत्नी, शीतल ठाकुर, राजपूत हिंदू हैं और उनके बेटे का नाम वर्धान है। विक्रांत ने हमेशा ऐसे किरदार चुने जो आम लोगों की आवाज बन सके। बालिका वधू से लेकर अ डेथ इन द गंज तक, उन्होंने अपने हर किरदार से एक गहरी छाप छोड़ी।
छोटे पर्दे से बड़े पर्दे तक का सफर
Vikrant Massey का अभिनय सफर प्रेरणादायक है। 2007 में धूम मचाओ धूम से अपने करियर की शुरुआत करने वाले विक्रांत ने बालिका वधू के जरिए घर-घर में पहचान बनाई। इसके बाद लुटेरा (2013) और अ डेथ इन द गंज (2017) जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से उन्होंने दर्शकों का दिल जीता। 12th Fail के साथ, उन्होंने न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफलता पाई बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी अपनी धाक जमाई।
ब्रेक: एक नई शुरुआत
हालांकि Vikrant Massey का ब्रेक अचानक लग सकता है, लेकिन यह उनके भविष्य के लिए एक सोच-समझा कदम लगता है। IFFI 2024 में साझा किए गए एक वीडियो में उन्होंने कहा, “अभी बहुत कुछ करना बाकी है। मेरे पास कई खूबियां हैं। तो बस इंतजार कीजिए और देखिए।” उनके ये शब्द संकेत देते हैं कि यह ब्रेक उनके करियर और जीवन में कुछ नए आयाम जोड़ने का अवसर हो सकता है।
इंतजार जारी है
जैसे ही Vikrant Massey अभिनय से ब्रेक ले रहे हैं, उनके प्रशंसक उनके योगदान को याद कर रहे हैं। चाहे उनकी शानदार परफॉर्मेंस हो या जमीन से जुड़ी शख्सियत, विक्रांत मैसी ने भारतीय सिनेमा में अपनी गहरी छाप छोड़ी है। उनके “सही समय” पर लौटने का वादा उनके प्रशंसकों को उम्मीदों से भरा रखता है।
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